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Showing posts from April, 2021
निःशुल्क कोविड होम isolation केंद्र
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अत्यंत हर्ष का विषय है कि सरस्वती शिशु मंदिर, सड़क 3, सेक्टर 4 भिलाई में निःशुल्क कोविड होम isolation केंद्र का शुभारंभ शनिवार 1 मई को 2021 से किया जा रहा है। उपलब्ध सुविधाएं : ▪️25 बिस्तरों की सुविधा. ▪️ऑक्सीजन उपलब्ध. ▪️स्वल्पाहार व भोजन व्यवस्था. ▪️24x7 नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध प्रवेश पात्रता: ▪️सम्पर्क करने के पश्चात ही केंद्र पंहुचे. ▪️केवल पॉजिटिव मरीज ही भर्ती हो सकेंगे. ▪️बीमारी प्रारंभिक लक्षणों में हो. ▪️चिकित्सकीय परीक्षण के पश्चात ही भर्ती की जाएगी नीचे दिए नम्बरों पर सम्पर्क करे 1. हेमन्त दाभोलकर 89752 03884 2. सिद्धेश नागले 82695 82799 3.दिलीप देशपांडे 78690 85826 केंद्र संचालन - - सेवा भारती दुर्ग भिलाई. - महाराष्ट्र मंडल, सेक्टर 4, भिलाई - अय्यर हेल्थ केयर. - सरस्वती शिशु मंदिर, सेक्टर 4, भिलाई.
गुस्से को शांत कैसे करें
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गुस्से को शांत कैसे करें गुस्सा ऐसा होता है जो व्यक्ति को अशिक्षित बना देता है गुस्से में हम ऐसे कुछ शब्दों का प्रयोग कर डालते है जिसके लिए हमे बाद में पछताना पड़ता है तो अप सभी खुद पर नियत्रण रखे और जब गुस्सा आये तो मैं उसके लिए कुछ पॉइंट बता रहा उसको जरुर फॉलो करें :- 1 . ॐ का उच्चारण :- आप रोज सुबह उठकर सबसे पहले ॐ मन्त्र का उच्चारण कम से कम सात बार करें इससे आपको बहुत ही प्रभाव मिलेगा | 2.15 MINUTE MEDITATION :- आप रोज सुबह 15 MIN MEDITATION करने का आदत डाले इससे आपका दिमाग संतुलित रहेगा और आपका मन नहीं बठकेगा | 3. काम करने की आदत डालें :-आपका जो भी कम रहे उस कम को कुछ भी करके पूरा किजीयें उसको टालना बंद किजीयें इससे आपका मन काम में सही रूप से लगेगा और आप खाली नहीं रहोगे | 4.गहरी साँस ले : - जब भी आपको गुस्सा आये तो सबसे पहले आप कम से कम तीन बार जोर जोर से गहरी सांस ले इससे आप खुद को कण्ट्रोल कर पाएंगे | 5.जो हो गया उसे भूल जाओ : - जीवन में आपके साथ जो भी हो गया उसे भूलकर आगे बढना सिखियें नहीं तो अप कभी शांत नहीं हो पाओगे हमेशा ...
रोकड़ प्रवाह विवरण की तैयारी | PREPARATION OF CASH FLOW STATEMENT
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PREAPARATION OF CASH FLOW STATEMENT रोकड़ प्रवाह विवरण को एक निश्चित व्यवस्था के अधार पर तैयार किया जाता है | सर्वप्रथम इसके लिए आवश्यक सूचनाओ को एकत्र किया जाता है , जिनके मुख्य स्रोत निम्न प्रकार है :- आर्थिK चिट्ठे (BALANCE SHEET) - जिस अवधि का रोकड़ प्रवाह विवरण तैयार करना हो , उस अवधि के प्रारम्भ और अंत का चिटठा प्राप्त करना होता है, जिसमे संपत्तियों एवं दायित्वों की सूचनाएं उपलब्ध होती है और उनके अधार पर रोकड़ प्रवाह की गणना की जाती है | चालू अवधि का आय विवरण (INCOME STATEMENT OF CURRENT PERIOD) :-यह सामन्यतः TRADING एंड PROFIT & LOSS A/C या STATEMENT OF प्रॉफिट & LOSS के रूप में होता है | इससे गैर रोकड़ मदों तथा गैर - सञ्चालन मदों की जानकारी मिलती है | अतिरिक्त सूचनाएं (ADDITIONAL INFORMATION) :-इनमे लाभांश वितरण ,स्थायी सम्पतियों का क्रय - विक्रय ,कर का भुगतान ,इत्यादि की सूचनाएं जुटानी होती हैं | विभिन्न क्रियाओ से रोकड़ प्रवाह (CASH FLOW FROM VARIOUS ACTIVITIES):- रोकड़ प्रवाह की गणना की दृष्टी से उपक्रम की क...
चैतन्य महाप्रभु का त्याग
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चैतन्य महाप्रभु का त्याग एक बार चैतन्य महाप्रभु बचपन के मित्र रघुनाथ शास्त्री के साथ नाव से यात्रा कर रहे थे | शास्त्रीजी विद्यावान व संस्कृत के प्रकांड पंडित थे | उन्ही दिनों चैतन्य महाप्रभु ने कड़ा परिश्रम करके न्यायशास्त्र पर एक बहुत ही उच्च कोटि का ग्रन्थ लिखा था | उन्होंने वह ग्रन्थ शास्त्री जी को दिखाया | ग्रन्थ को बारीकी से देखने के बाद शास्त्री जी का चेहरा उतर गया और आँख में आंसू भर गये | यह देखकर चैतन्य महाप्रभु ने शास्त्री जी से रोने का कारण पूछा | बहुत दबाव देने के बाद शास्त्री जी ने कहा ,"मित्र ,तुम्हे यह जानकर अचरज होगा की लगातार वर्षो मेहनत कर मैंने भी न्यायशास्त्र पर एक ग्रन्थ लिखा है | मैंने सोचा था की इस ग्रन्थ से मुझे यश मिलेगा | यह इस विषय पर अब तक के ग्रंथों में बेजोड़ होगा | मेरी वर्षो की तपस्या सफल हो जएगी | लेकिन तुम्हारे ग्रन्थ के आगे तो मेरा ग्रन्थ एक टिमटिमाता दीपक भर हैं | सूर्य के आगे दीपक की क्या बिसात |" शास्त्री जी के इस कथन पर चैतन्य महाप्रभु मुस्कुराते हुए बोले ,"बस इतनी सी...
कोविन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कैसे करें?
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कोविन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कैसे करें? 1. www.cowin.gov.in पर लॉग ऑन करें 2. अपना अकांउट बनाने के लिए अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और उसमें एक ओटीपी (OTP) प्राप्त करें 3. ओटीपी डालें और उसे "सत्यापित करें" के बटन पर क्लिक करें 4. आपको टीकाकरण पेज के पंजीकरण के लिए निर्देशित किया जाएगा। इस पेज पर एक फोटो आईडी प्रूफ चुनने का विकल्प होगा 5. अपना नाम, उम्र, लिंग भरें और एक पहचान का दस्तावेज अपलोड करें 6. "रजिस्टर" बटन पर क्लिक करें 7. पंजीकरण पूरा हो जाने के बाद सिस्टम "अकाउंट डिटेल" दिखाएगा 8. पंजीकृत आवेदक “एड मोर” बटन पर क्लिक कर इस मोबाइल नंबर से जुड़े तीन और लोगों को जोड़ सकते हैं 9. 'शेडयूल एप्वाइंटमेंट' बटन पर क्लिक करें। 10. राज्य, जिला, ब्लॉक और पिन कोड द्वारा पसंद का टीकाकरण केंद्र खोजें 11. दिनांक और उपलब्धता भी प्रदर्शित की जाएगी। 'बुक (Book)' बटन पर क्लिक करें 12. टीकाकरण के लिए बुकिंग के सफल समापन पर आपको एक संदेश मिलेगा। उस डिटेल को टीकाकरण केंद्र पर दिखाना होगा सभी लोग जल्दी से कोविन पोर्टल पर आवेदन कर जल्दी ताकि आप सभी ...
सकारात्मक सोच रखिये
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एक नर्स लंदन में ऑपरेशन से दो घंटे पहले मरीज़ के कमरे में घुसकर कमरे में रखे गुलदस्ते को संवारने और ठीक करने लगी। ऐसे ही जब वो अपने पूरे लगन के साथ काम में लगी थी, तभी अचानक मरीज़ से पूछा "सर आपका ऑपरेशन कौन सा डॉक्टर कर रहा है?" नर्स को देखे बिना मरीज़ ने अनमने से लहजे में कहा "डॉ. जबसन।" नर्स ने डॉक्टर का नाम सुना और आश्चर्य से अपना काम छोड़ते हुए मरीज़ के पास पहुँची और पूछा "सर, क्या डॉ. जबसन ने वास्तव में आपके ऑपरेशन को स्वीकार किया हैं? मरीज़ ने कहा "हाँ, मेरा ऑपरेशन वही कर रहे है।" नर्स ने कहा "बड़ी अजीब बात है, विश्वास नहीं होता" परेशान होते हुए मरीज़ ने पूछा "लेकिन इसमें ऐसी क्या अजीब बात है?" नर्स ने कहा "वास्तव में इस डॉक्टर ने अब तक हजारों ऑपरेशन किए हैं उसके ऑपरेशन में सफलता का अनुपात 100 प्रतिशत है । इनकी तीव्र व्यस्तता की वजह से इन्हें समय निकालना बहुत मुश्किल होता है। मैं हैरान हूँ आपका ऑपरेशन करने के लिए उन्हें फुर्सत कैसे मिली? मरीज़ ने नर्स से कहा "ये मेरी अच्छी किस्मत है कि डॉ जबसन को फुरसत मिली और वह मेर...
इतिहास का अर्थ | Meaning of history
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MEANING OF HISTORY इतिहास को अंग्रेजी भाषा में HISTORY कहा जाता है । History शब्द की उत्पत्ति लैटिन तथा ग्रीक शब्द Historia से मानी जाती है जिसका अर्थ 'जानना, ज्ञात करना,सत्यान्वेषण करना' होता है । हिंदी भाषा में इतिहास अर्थात इति + ह + आस, इसका अर्थ है, 'ऐसा ही हुआ' । इस प्रकार पृथ्वी पर भूतकाल में जो घटित हुआ, वह सब इतिहास के क्षेत्र में आता है । यूनानी इतिहासकार हेरोडोटस (Herodotus) को इतिहास का जनक माना जाता है । हेरोडोटस ने विश्व में घटित हुई घटनाओँ का संकलन,कथा,कहानियों के आधार पर 500 ई.पू. में किया था जिसे इतिहास कहा गया । उन्नीसवीं सदी में जर्मनी के इतिहासकार 'लियोपोल्ड वॉन रांके' (Leopold Von Ranke) ने इतिहास जानने की वैज्ञानिक विधि का विकास किया । इतिहास की परिभाषा :- 1.जोन्स के अनुसार - "इतिहास जीवन के अनुभवों की खान है,और आज का युवक उसका अध्य्यन इसलिये करता है,जिससे कि वह जाति के अनुभावों का लाभ उठा सकें ।" 2.मेटलैंड के अनुसार :- " मनुष्यों ने जो कुछ क...
सामाजिक परिवर्तन में बाधक तत्व
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सामाजिक परिवर्तन में बाधक तत्व परिवर्तन प्रत्येक समाज की अनिवार्यता है और समाज में जिस गति से परिवर्तन आते है,उस गति की तीव्रता प्रत्येक समाज में अलग - अलग होती है । कुछ समाजों यह गति बड़ी तीव्र होती है तो कुछ समाजों में परिवर्तन की गति अत्यंत ही धीमी होती है । जिन समाजों में परिवर्तन मंद गति से होते है,वहाँ निश्चित रूप से कुछ ऐसे तत्व कार्य करते है जो परिवर्तनों की गति का तीव्र नही होने देते है । वे परिवर्तन की गति में बाधा पहुचाते है, ये कारक निम्न है :- 1.रूढ़िवादिता (Customer) 2.संकीर्ण विचारधारायें (Narrow ideology) 3.अशिक्षा (Illiteracy) 4.अत्यधिक सरलता (More simplicity) 5.परम्पराओ के प्रति दृढ़ आस्था (Strong faith towar...