सामाजिक परिवर्तन में बाधक तत्व
सामाजिक परिवर्तन में बाधक तत्व
परिवर्तन प्रत्येक समाज की अनिवार्यता है और समाज में जिस गति से परिवर्तन आते है,उस गति की तीव्रता प्रत्येक समाज में अलग - अलग होती है ।
कुछ समाजों यह गति बड़ी तीव्र होती है तो कुछ समाजों में परिवर्तन की गति अत्यंत ही धीमी होती है ।
जिन समाजों में परिवर्तन मंद गति से होते है,वहाँ निश्चित रूप से कुछ ऐसे तत्व कार्य करते है जो परिवर्तनों की गति का तीव्र नही होने देते है । वे परिवर्तन की गति में बाधा पहुचाते है,
ये कारक निम्न है :-
1.रूढ़िवादिता (Customer)
2.संकीर्ण विचारधारायें (Narrow ideology)
3.अशिक्षा (Illiteracy)
4.अत्यधिक सरलता (More simplicity)
5.परम्पराओ के प्रति दृढ़ आस्था (Strong faith towards tradition)
6.जातिवाद (Castism)
7.धर्म एवं साम्प्रदायिकता (Religion and Communalism)
8.भाषा एवं क्षेत्रवाद (Language and Regionality)
9.स्वार्थपरता (Selfishness)
इस प्रकार स्प्ष्ट होता है कि अनेक कारक ऐसे है जो सामाजिक परिवर्तन का विरोध कर इसमे बाधा उतपन्न करते है । यहां भी स्प्ष्ट करना आवश्यक है कि सभी परिवर्तन समाज के लिए हितकारी नही होता है इसलिये भी कभी - कभी परिवर्तन का विरोध किया जाता है ।
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