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Showing posts from November, 2020

SALES BUDGET

                  विक्रय बजट कार्यानुसार बजटों में विक्रय बजट एक आधारभूत बजट हैं,क्योकि इसी आधार पर व्यवसाय के अन्य बजट तैयार किये जाते हैं । आशय(Meaning) विक्रय बजट से आशय भावी बजट अवधि में विक्रय के पूर्वानुमानों से हैं अर्थात विक्रय बजट में यह अनुमान प्रस्तुत किए जाते हैं कि एक निश्चित भावी अवधि में वस्तू की कितनी मात्रा बिक सकेगी तथा विक्रय आगम की राशि क्या होगी ? विक्रय बजट के प्रकार  1. उत्पादन अनुसार 2. क्षेत्र अनुसार 3. ग्राहक अनुसार 4. विक्रेता अनुसार 5. अवधि अनुसार विक्रय बजट के लिए विक्रय पूर्वानुमान 1. गत वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण एवम भावी प्रवृति का ज्ञान  2. विक्रय प्रतिनिधियों से परामर्श 3. व्यावसायिक प्रवृत्तियों का अनुमान  4. मौसमी परिवर्तनों का प्रभाव  5. व्यवसाय के विभिन्न कारको की जानकारी  6. विपणन सर्वेक्षण

किसने, किसको, कब-कब दिया गीता का उपदेश

 किसने, किसको, कब-कब दिया गीता का उपदेश.? * यह तो हम सभी जानते है की कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। लेकिन श्रीकृष्ण और अर्जुन के अलावा भी गीता को कई बार बोला व सुना गया। आइए जानते है कि गीता का उपदेश, किसने, किसको और कब-कब दिया। . भगवान श्रीकृष्ण ने सूर्यदेव को * जब भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को गीता का उपदेश दे रहे हैं, तब उन्होंने ये भी बोला था कि ये उपदेश पहले वे सूर्यदेव को दे चुके हैं। तब अर्जुन ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा था कि सूर्यदेव तो प्राचीन देवता हैं तो आप सूर्यदेव को ये उपदेश पहले कैसे दे सकते हैं। तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि तुम्हारे और मेरे पहले बहुत से जन्म हो चुके हैं। तुम उन जन्मों के बारे में नहीं जानते, लेकिन मैं जानता हूं। इस तरह गीता का ज्ञान सर्वप्रथम अर्जुन को नहीं बल्कि सूर्यदेव को प्राप्त हुआ था। . भगवान् सूर्य ने हनुमान जी को  . यह सर्व विदित है कि हनुमान जी के आदि गुरु भगवान् भास्कर हैं, हनुमान जी को शिक्षा देते समय सांसारिक ज्ञान सिखाते हुए गीता का उपदेश दिया, जो कि उन्हें श्री नारायण स्वरूप श्री कृष्ण स...

शिखा का महत्व

 अगर जीवन मे सुखी ओर सफल रहना है, तो शिखा ( चोटी ) रखनी ही होगी । आज 99% घरों में जाकर आप पूछ लेवें, क्या वह सुखी है, प्रत्येक घर परिवार में कोई न कौई समश्या तो मिलती ही है । पुराने समय मे दुःख ओर क्लेश भारतीयों के नही था, दुःख क्लेश मात्र मल्लेछो के हुआ करता था, आजकल भारतीय स्वयं ही मल्लेछ आचरण में जीवन व्यतीत करने लगे, तो जीवन मे कष्ठ आना ही है । हमारे पूर्वज उन्हें मल्लेछ या राक्षस मानते थे, जिनके शिखा तथा जनेऊ नही होती थी । #शिखा ( चोटी ) रखने और उसमें गांठ बांधने की प्रथा क्यों ?  हिंदू धर्म के साथ शिखा का अटूट संबंध होने के कारण चोटी रखने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है । शिखा का महत्त्व भारतीय संस्कृति में अंकुश के समान है । यह हमारे ऊपर आदर्श और सिद्धांतों का अंकुश है । इससे मस्तिष्क में पवित्र भाव उत्पन्न होते हैं । हमारे लघु और दीर्घ मस्तिष्कों को जोड़ने वाले केंद्र को ' अधिपति ' मर्मस्थल कहते हैं , जो मस्तिष्क का हृदय कहलाता है । यहीं पर ब्रह्मरंध , द्विदलीय आज्ञाचक्र और पीनियल ग्लैंड से संपर्क जोड़ने वाली नाड़ियां आकर मिलती हैं , जो बच्चे की चिंतन शक्ति का वि...

पाप कहाँ जाता है

 पाप कहाँ जाता है...? एक बार एक ऋषि ने सोचा कि लोग गंगा में पाप धोने जाते है, तो इसका मतलब हुआ कि सारे पाप गंगा में समा गए और गंगा भी पापी हो गयी .  अब यह जानने के लिए तपस्या की, कि पाप कहाँ जाता है ? तपस्या करने के फलस्वरूप देवता प्रकट हुए , ऋषि ने पूछा कि भगवन जो पाप गंगा में धोया जाता है वह पाप कहाँ जाता है ? भगवन ने जहा कि चलो गंगा से ही पूछते है , दोनों लोग गंगा के पास गए और कहा कि , हे गंगे ! जो लोग तुम्हारे यहाँ पाप धोते है तो इसका मतलब आप भी पापी हुई . गंगा ने कहा मैं क्यों पापी हुई , मैं तो सारे पापों को ले जाकर समुद्र को अर्पित कर देती हूँ ,... अब वे लोग समुद्र के पास गए , हे सागर ! गंगा जो पाप आपको अर्पित कर देती है तो इसका मतलब आप भी पापी हुए . समुद्र ने कहा मैं क्यों पापी हुआ , मैं तो सारे पापों को लेकर भाप बना कर बादल बना देता हूँ ,….. अब वे लोग बादल के पास गए, हे बादलों ! समुद्र जो पापों को भाप बनाकर बादल बना देते है , तो इसका मतलब आप पापी हुए . बादलों ने कहा मैं क्यों पापी हुआ , मैं तो सारे पापों को वापस पानी बरसा कर धरती पर भेज देता हूँ , जिससे अन्न उपजता है ,...

पेट्रोल पंप से कमाई

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                पेट्रोल पंप से कमाई  पेट्रोल बेचने पर :- पेट्रोल पंप से 1लीटर में 2 से 3 रूपये की कमाई होती हैं । अगर पेट्रोल पंप द्वारा प्रतिदिन 6000 लीटर पेट्रोल की बिक्री होती हैं तो 12000rs कमाई होगी अर्थात महीने का 3,60,000rs असानी से कमाई हो जाती हैं।  डीजल बेचने पर :- डीजल से 1लीटर में 2 से 3 रूपये की कमाई होती हैं । अगर पेट्रोल पंप द्वारा प्रतिदिन 6000 लीटर डीजल  की बिक्री होती हैं तो 12000rs कमाई होगी अर्थात महीने का 3,60,000rs असानी से कमाई हो जाती हैं।  पेट्रोल और डीजल मिलाकर 7,20,000 रूपये महीने का असानी से कमाई की जा सकती हैं। 

मेरा जीवन

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 23वर्ष की उम्र में पिता का न होना जैसे पहाड़ टूट पड़ना और उसके बाद जिन्दगी का सफर अकेले जीना। पिता का न होना जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव डालता है । एक ना समझ और हमेशा  मस्ती करने वाला इन्सान कैसे जिम्मेदारी अपने ऊपर लेता हैं।  अपनी माँ को दिन भर परेशान और रोते देखना कैसे सहन होता है  । ऐसे में उसे भी एक प्यारा सा एहसास और जिससे चैन मिले ऐसे चीजों की जरूरत होती है।  आये त्यौहार में घर में सिर्फ़ उदासी सी होती है घर की साफ सफाई की जगह केवल मन को बहलाता हैं।  दूसरो को खुश देखकर खुशी की इच्छा होती है लेकिन किस्मत ने भी खुशी छीन ली है।  उसे अपने जीवन में ऐसे लोगों की जरूरत होती है जो उनको प्यार दे उसके गुस्से को सह ले फिर वो खुद को अकेला पाता है न जाने उसका मन क्या क्या सोचता है खुद अकेले बैठे रोता है । पिता का न होना बहूत कुछ होता है।  एक ना समझ इन्सान को ज़िन्दगी जीना सिखाता है  ।उसको जिम्मेदार होना सिखाता है।  पिता का  होना ही सब कुछ होता है।  Miss you papa😭😭😭😭

गायत्री चालीसा

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                माँ गायत्री चालीसा  ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचंड ॥ शांति कांति जागृत प्रगति रचना शक्ति अखंड ॥1॥   जगत जननी मंगल करनि गायत्री सुखधाम । प्रणवों सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम ॥ २॥ भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी । गायत्री नित कलिमल दहनी ॥॥ अक्षर चौबीस परम पुनीता । इनमें बसें शास्त्र श्रुति गीता ॥॥ शाश्वत सतोगुणी सत रूपा । सत्य सनातन सुधा अनूपा ॥॥ हंसारूढ श्वेतांबर धारी । स्वर्ण कांति शुचि गगन-बिहारी ॥॥ पुस्तक पुष्प कमंडलु माला । शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ॥॥ ध्यान धरत पुलकित हित होई । सुख उपजत दुख दुर्मति खोई ॥॥ कामधेनु तुम सुर तरु छाया । निराकार की अद्भुत माया ॥॥ तुम्हरी शरण गहै जो कोई । तरै सकल संकट सों सोई ॥॥ सरस्वती लक्ष्मी तुम काली । दिपै तुम्हारी ज्योति निराली ॥॥ तुम्हरी महिमा पार न पावैं । जो शारद शत मुख गुन गावैं ॥॥ चार वेद की मात पुनीता । तुम ब्रह्माणी गौरी सीता ॥॥ महामंत्र जितने जग माहीं । कोउ गायत्री सम नाहीं ॥॥ सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै । आलस पाप अविद्या नासै ॥॥ सृष्टि बीज जग जननि भवानी । कालरात्रि...