मेरा जीवन

 23वर्ष की उम्र में पिता का न होना जैसे पहाड़ टूट पड़ना और उसके बाद जिन्दगी का सफर अकेले जीना। पिता का न होना जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव डालता है ।

एक ना समझ और हमेशा  मस्ती करने वाला इन्सान कैसे जिम्मेदारी अपने ऊपर लेता हैं। 

अपनी माँ को दिन भर परेशान और रोते देखना कैसे सहन होता है  ।

ऐसे में उसे भी एक प्यारा सा एहसास और जिससे चैन मिले ऐसे चीजों की जरूरत होती है। 

आये त्यौहार में घर में सिर्फ़ उदासी सी होती है घर की साफ सफाई की जगह केवल मन को बहलाता हैं। 

दूसरो को खुश देखकर खुशी की इच्छा होती है लेकिन किस्मत ने भी खुशी छीन ली है। 

उसे अपने जीवन में ऐसे लोगों की जरूरत होती है जो उनको प्यार दे उसके गुस्से को सह ले फिर वो खुद को अकेला पाता है न जाने उसका मन क्या क्या सोचता है खुद अकेले बैठे रोता है ।

पिता का न होना बहूत कुछ होता है। 

एक ना समझ इन्सान को ज़िन्दगी जीना सिखाता है  ।उसको जिम्मेदार होना सिखाता है। 

पिता का  होना ही सब कुछ होता है। 


Miss you papa😭😭😭😭

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